Not known Factual Statements About Shodashi

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In An additional depiction of hers, she is revealed being a sixteen-yr-aged younger and sweet Woman decorated with jewels using a stunning shimmer in addition to a crescent moon adorned about her head. She is sitting down within the corpses of Shiva, Vishnu, and Brahma.

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥३॥

॥ इति त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः सम्पूर्णं ॥

वन्दे तामहमक्षय्यां क्षकाराक्षररूपिणीम् ।

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥८॥

नौमीकाराक्षरोद्धारां सारात्सारां परात्पराम् ।

हव्यैः कव्यैश्च सर्वैः श्रुतिचयविहितैः कर्मभिः कर्मशीला

सा नित्यं नादरूपा त्रिभुवनजननी मोदमाविष्करोतु ॥२॥

भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा website ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।

षोडशी महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram

करोड़ों सूर्य ग्रहण तुल्य फलदायक अर्धोदय योग क्या है ?

The globe, to be a manifestation of Shiva's consciousness, holds the key to liberation when one particular realizes this elementary unity.

इति द्वादशभी श्लोकैः स्तवनं सर्वसिद्धिकृत् ।

Chanting this mantra is considered to invoke the mixed energies and blessings in the goddesses associated with each Bija mantra. It may be used for different reasons including attracting abundance, in search of information, invoking divine femininity, and fostering spiritual advancement and transformation.

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